गुरु विरजानन्द गुरुकुल महाविद्यालय : एक परिचय
करतारपुर आर्य समाज के प्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती के महान गुरु दण्डी स्वामी विरजानन्द सरस्वती जन्मथली है । दण्डी स्वामी श्री गुरु विरजानन्द एक अद्वितीय और सर्वोत्कष्ट प्रतिभा के धनी थे । वे ह्रदय अन्तस्तल से सच्चे राष्ट्र भक्त तथा वैदिक सभ्यता और संस्कृत के समुद्घोषक थे उन्होंने क्रान्तिशील पग उठाये और वेदों तथा आर्ष साहित्य की तर्क संगत अवधारणा प्रस्तुत की राष्ट्र सेवा में उनका सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने ऋषि दयानन्द जैसा शिष्य तैयार किया जिसने गुरु के रुप में वैदिक संस्कृति और आर्ष. साहित्य के प्रचार-प्रसार में के अपना समस्त जीवन दान कर दिया ।
करतारपुर दिल्ली. जालन्धर अमृतसर मेन रेलवे लाईन तथा जी.टी रोड़ पर जालन्धर से 16 कि.मी. दूरी पर स्थित है ।
महान् गुरु विरजानन्द की पवित्र स्मृति में "श्री गुरु विरजानन्द गुरुकुल " के नाम से करतारपुर में सन् 1970 से एक गुरुकुल कार्यशील है । यह एक आवासीय संस्था है जिसमें सारे ब्रह्मचारी तथा प्राय: सभी अध्यापक गुरुकुल के परिसर में ही रहते हैं। पुरातनभारतीय सांस्कृतिक परम्परा के अनुसार यह गुरुकुल न केवल शिक्षा ही निःशुल्क प्रदान करता है, अपितु यहाँ आवास और भोजन की व्यवस्था भी निःशुल्क है और इस तरह इस गुरुकुल के सभी वर्गों और श्रेणियों के ब्रह्मचारी चाहे धनी हों चाहे निर्धन एक समान भाव से उसी तरह रहते और पढ़ते हैं जैसे¬- प्राचीन काल में महर्षि सान्दीपनी के गुरुकुल में ब्रह्मचारी रहते थे । जहाँ कृष्ण और सुदामा इकट्ठे रहते और पढ़ते थे। यह गुरुकुल गुरुकुल कागड़ी विश्वविद्यालय के साथ सम्बद्ध है और जो ब्रह्मचारी यहाँ छठी कक्षा में प्रवेश ग्रहण करते हैं उन्हें पन्द्रहवीं कक्षा तक अध्ययन करने के उपरान्त वेदालंकार-विद्यालंकार के प्रमाण पत्र जो बी.ए. के समकक्ष हैं गुरुकुल कागड़ी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किये जाते हैं। वर्तमान में इस गुरुकुल में लगभग 180 ब्रह्मचारी विद्या प्राप्त कर रहें हैं।
प्राचार्य सहित यहाँ आचार्यों की संख्या 15 है। ये सभी आचार्य अत्यन्त शिक्षित तथा ब्रह्मचारियों के भविष्य निर्माण में समुचित मार्गदर्शन करने में पूर्ण सशक्त हैं ।
इस गुरुकुल में केवल वैदिक शास्त्रों और कर्मकाण्ड का ही प्रशिक्षण नहीं दिया जाता अपितु अंग्रेजी विज्ञान, गणित और समाज शास्त्र, दर्शन शास्त्र और राजनीति तथा कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाता है जो आधुनिक शिक्षण संस्थाओं के शैक्षिक स्तर के अनुरूप हैं। हमारा दावा है कि हमारे ब्रह्मचारियों का सभी विषयों में ज्ञान का स्तर अत्यन्त उत्तम है।
इस गुरुकुल में भारत के लगभग सभी प्रदेशों से ब्रह्मचारी शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं और इस तरह यह गुरुकुल एक लघु भारत का दृश्य प्रस्तुत करता है । अधिकांश ब्रह्मचारी देश के उन भू भागों से हैं जहाँ ईसाई मिशनरी उनकी दरिद्रता का लाभ उठाकर उन्हें मुफ्त शिक्षा और भविष्य में उच्च पदों कर प्रलोभन देकर उनका धर्मोतरण करने में लगे हैं ।
सामान्यतः लोग अपनी संस्कृति और अपने धर्म को बचाने की इच्छा करते हैं यदि उन्हें इस रुप में कहीं कोई अन्य विकल्प दिखाई दे जाये।
यह विकल्प मात्र हमारी संस्था ही प्रदान करती है तथापि हमारे गुरुकुल द्वारा ऐसे शिक्षार्थियों को प्रवेश प्रदान करने और भोजन आदि की निःशुल्क व्यवस्था करने में स्थान और धनराशि की पर्याप्त मात्रा नहीं है ।
वर्तमान वित्तीय स्त्रोतों तथा उपलब्ध स्थान को दृष्टिगत करते हुए हम अपने गुरुकुल में 160-170 ब्रह्मचारियों से अधिक को प्रवेश दे पाने स्थिति में नहीं हैं इस गुरुकुल की किसी प्रकार की कोई निश्चित आय नहीं है । इस स्थिति में केवलदानी सज्जनों द्वारा प्रदान की गई दान राशि से चल रहा है। वे सज्जन धर्मान्तरण करने वाले मिशनरियों के चुंगुल से निर्धन वर्ग के शिक्षार्थियों को छुड़ाकर इस गुरुकुल शिक्षा
में सत्सहयोग देकर एक अत्यन्त पुण्य का कार्य कर रहे हैं ।
ब्रह्मचारियों में वाद विवाद तथा भाषण प्रवचनादि कला के विकास के लिए विशेष प्रयास किये जाते हैं। जिससे वे उत्तम उपदेशक और पुरोहित बन सकें। इस के लिए वाग्वर्धिनी परक गीतिकाएँ, श्लोक, हिन्दी अंग्रेजी और संस्कृत में प्रवचन आदि प्रस्तुत करते हैं यह में वाग्वर्धिनी गुरुकुल के प्राचार्य की अध्यक्षता में होती है । ब्रह्मचारियों को उत्तम दूध घी आदि प्रदान करने के लिए गुरुकुल की अपनी गौशाला है जिससे ब्रह्मचारियों की घी दूध आदि की समस्त आवश्यकता की पूर्ति होती है ।
यहाँ के छात्रअन्तर्विद्यालयीय अन्तर्विश्वविद्यालय संस्कृत तथा अन्य प्रतियोगिताओं में जाते हैं। इससे इनकी प्रतिभा का विकास होता है समसामायिक विषयों पर परिचर्चा हेतु इससे छात्रों को अन्य विषयों को भी जानकारी प्राप्त होती है ।
संक्षेप में हम ऋषि दयानन्द के अनुरुप शिक्षा देने का प्रयत्न कर रहे हैं तथापि हम आपके गुरुकुल के विकास हेतु परामर्श
चाहते हैं । आईये मिलकर इस भू.भाग से योग्य छात्रों का निर्माण कर श्रेष्ठ भारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाये ।